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लेखनी ,# कहानीकार प्रतियोगिता # -01-Jul-2023 मेरा बाप मेरा दुश्मन भाग 8

           

                               मेरा बाप मेरा दुश्मन  (  भाग 8  )


          अबतक आपने पिछले सात भाग में पढा कि किस तरह तान्या व विशाल अपने प्यार के लिए  अपने मां बाप को धोका देकर घर से भागकर  शादी कर लेते हैं। लेकिन जब तान्या को यह मालूम  हुआ  कि उसके मम्मी पापा ने आत्महत्या करली है ।तबसे वह इसका दोषी  स्वयं को मानकर टेन्शन करने लगी। इसी टेन्शन में वह अपनी बेटी रमला से दूर होती चली गयी। टेन्शन के कारण वह बीमार  रहने लगी और उसे ट्यूमर  होगया।  और वह मौत का शिकार होगयी। आगे कहानी इस भाग में पढ़िए। 


                 विशाल ने तान्या का अन्तिम संस्कार सनातन धर्म की विधि से किया। अब उसको रमला की देखभाल करने  में बहुत परेशानी आरही थी क्यौकि उसकी प्राईवेट नौकरी थी। वह उसे किस तरह सम्भाले ?

         उसकी नौकरी में वर्किग का कोई निश्चित समय  नहीं था।   इस कारण वह ज्यादा परेशान था। स्कूल के बाद वह किसके पास रहे। पास में कोई जानकार भी नहीं था वह जिससे सहायता ले सके।

           विशाल ने ऐसे संकट के समय अपने मम्मी पापा से सहायता लेने की सोची। और उसने एक दिन अपने घर फौन किया।

         जब उसके पापा के पास अन्जान नम्बर से काल आई तब उन्होने फौन को अटैन्ड करते हुए पूछा "  हैल्लो कौन बोल रहा है ?

      विशाल बोला ," हेल्लो पापा पैरी पड़ता हूँ। मै विशाल बोल रहा हूँ।"

     उसके पापा ने पूछा," कौन विशाल ? मै तो किसी विशाल को नहीं जानता हूँ और उन्हौने फौन काट दिया।

     अब विशाल ने दुबारा फौन किया घन्टी बजती रही लेकिन उसके पापा ने फौन अटैन्ड नहीं किया।

      विशाल सब समझ रहा था कि उसके पापा सब कुछ जानते हुए भी अनजान बनने का ढौंग कर रहे है। वह अभी तक उससे नाराज है।

       विशाल सोच रहा था कि जिसके लिए  मै अपना सब कुछ पलभर में छोड़ कर आगया था आज वह ही मुझे छोड़कर इस दुनिया से दूर चली गयी।

       वह सोच रहा था कि अब उसकी इस निशानी को कैसे सम्भाल कर रखू क्यौकि इतने बडे़ शहर में बिना पैसे के कौन पूछेगा। और पैसा काम करके ही कमाया जाता है।

      रमला को किसके पास छोड़कर नौकरी पर जाया  जायेगा। वह जिस दोस्त के पास आया था वह भी अब यहाँ से दिल्ली वापिस चला गया था।

      उसका इतने बडे़ शहर में और कोई सगा सम्बन्धी भी नहीं था  जिससे सहायता  ले सकता था

      यहीं सब सोचकर उसने अपने घर फौन किया था कि शायद अब उनकी नाराजगी दूर होगयी हो। परन्तु उन्हौने तो पहचान ने से भी मना कर दिया ।

      विशाल को अपने गाँव में अपने घर के पडौ़स में रहने वाले अंकल आन्टी  को फौन करने की सोची कि शायद वह मम्मी से बात करवादें।

     अब उसने उनको फौन किया।और बोला " हेल्लो  अंकल मैं विशाल बोल रहा हूँ। "

    उधर से आवाज आई " विशाल  ! वही विशाल जो किसी की लड़की लेकर भाग गया था। "

     हाँ अंकल वही विशाल "

        "वाह बेटा तूने अपने खानदान का नाम बहुत ऊँचा कर दिया था। आज इधर की याद कैसे आगयी।" विशाल को उन्हौने पूछा।

       "मम्मी से बात करनी थी उनका नम्बर मिल नही रहा है।  दो तीन दिन से ट्राई कर रहा हूँ।", विशाल ने झूठ बोलते हुए कहा।

     वह बोले," कोई बात नही अभी उनको बुलबाकर बात करवा दूँगा बीस मिनट बाद दुबारा कर लेना। "

  कुछ समय बाद विशाल ने पुनः बात की," हेल्लो माँ मैं विशाल बोल रहा हूँ आप कैसी हो। "

   उसकी मम्मी नाराज होती हुई बोली," आज तुझे मेरी  कैसे याद आगयी ?  तूने तो हमें जीते हुए भी मार डाला। मुझे मालूम होता कि तू ऐसा करेगा तो मैं तुझे पैदा होते ही मार देती। "

     विशाल चुप होकर सुन रहा था।
वह बोले ही जारही थी," तूने जैसा किया था वैसा हमारे कुल में किसी ने नहीं किया। तुझे इसी लिए पढा़ लिखाकर बडा़ किया था कि पूरे परिवार को कलंकित करकर भाग जायेगा और आज इतना समय बीतने के बाद याद आई है। अब तुझे क्या चाहिए। "

       "माँ मुझे कुछ भी  नहीं चाहिए " विशाल ने  उत्तर दिया।

       "तू झूठ क्यौ बोलता है लालच के बिना  कौन फौन करेगा। तेरे मन में क्या चल रहा है मै सब समझती हू़ँ।" वह बोली।

       " नहीं माँ मै सच कहरहा हूँ मुझे कुछ नहीं चाहिए  ।" विशाल बोला।

       "देख मै तुझे आज कह रही हूँ अब यहाँ कभी फौन मत करना  यदि उनको मालूम होगया कि मैने तुझसे बात की है तो मेरा जीना मुश्किल हो जायेगा।  तेरे बाप ने तुझे उसी दिन मृत घोषित कर दिया था और मुझसे कसम लेली थी कि भविष्य में तेरे साथ कोई सम्बन्ध नहीं रखूँगी।" वह विशाल को  समझाते हुए बोलीं।

         अब विशाल की समझ में आगया था कि यहाँ कुछ भी हैल्प नही मिलने वाली है क्यौकि उसकी माँ ने तान्या की कुशलता भी नही पूछी थी। उन्होने उसको सीधी चेतावनी ही दे दी थी।

       विशाल की समझ में कुछ भी नही आरहा था कि अब उसे क्या करना चाहिए।

       विशाल के साथ आफिस में काम करने वाले साथी ने उसे दूसरी शादी करने की सलाह दी।

      दूसरी शादी के लिए कोई ऐसी लड़की भी चाहिए जो रमला को स्वीकार कर सकती हो। यह बात विशाल ने अपने साथ काम करने वाले साथी को बताई।

     उसकी बात सुनकर उसका साथी बोला " विशाल ऐसी एक लड़की को मैं जानता हूँ जिसे उसके पहले पति ने तलाक देदी है। यदि तू उससे बात करना चाहता हो तो मै तेरी बात करवा दूँगा।

      विशाल इहके लिए तैयार होगया क्यौकि वह रमला के लिए कुछ भी करने को तैयार था। वह तान्या की इह धरोहर  को  कैसे भी सुरक्षित रखना चाहता था। इसके लिए वह दूसरी शादी करने को भी तैयार हो गया।

नोठ:- कृपया आगे की कहानी अगले भाग 9 में पढ़ने का कष्ट करे। धन्यवाद जी।


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3 Comments

वानी

12-Jul-2023 10:00 AM

Nice

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Varsha_Upadhyay

11-Jul-2023 09:03 PM

शानदार भाग

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Alka jain

06-Jul-2023 10:24 AM

Nice part 👌

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